300 उद्यमी आज तलाशेंगे अयोध्या में पर्यटन और कारोबारी संभावनाएं











 लखनऊ। राजधानी लखनऊ में जुटे देशभर के लगभग 300 उद्यमी अयोध्या में पर्यटन और कारोबारी संभावनाओं को तलाशने के लिए जाएंगे। फिक्की फ्लो के तीन दिवसीय अंतराज्जीय सम्मेलन में आए उद्यमी रविवार को अयोध्या जाकर जहां एक तरफ भगवान राम और हनुमानगढ़ी में जाकर दर्शन करेंगे तो दूसरी तरफ पर्यटन की दृष्टि से सरयू किनारे घाटों अन्य दर्शनीय स्थलों पर भी पहुंचेंगे। 























अयोध्या में राममंदिर निर्माण की रास्ता साफ होते देख अब उद्यमी भी वहां पर निवेश की तैयारी में जुट गए हैं। इसी कड़ी में शहर आए लगभग 300 उद्यमी भगवान राम की जन्मस्थली के लिए मशहूर अयोध्यानगरी का भ्रमण करेंगे। फिक्की फ्लो की राष्ट्रीय अध्यक्ष हरविंदर कौर ने बताती हैं कि शहर में फिक्की फ्लो का तीन दिवसीय अंतर्राज्यीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें देशभर से उद्यमी आए हुए हैं। कार्यक्रम के तीसरे दिन सभी 300 उद्यमी अयोध्या जाकर भगवान राम और हनुमानगढ़ी में दर्शन करेंगे। इसी के साथ देव दीपावली में सरयू घाट पर दीप जलाकर बनाए गए रिकार्ड के मद्देनजर घाटों पर भी पहुंचेंगे।


प्रदेश सरकार की तैयारियों पर बढ़ा रूझान
वह कहती हैं कि इन उद्यमियों में अयोध्या के प्रति बढ़े रूझान का कारण प्रदेश सरकार द्वारा तैयार की जा रही विकास के बनाए जा रहे ब्लू प्रिंट के कारण है। उन्होंने बताया कि उद्यमी वहां पर कारोबारी संभावनाओं को भी तलाशेंगे जिसमें होटल, शिक्षा और अन्य कारोबारी गतिविधियां शामिल हैं।


फिक्की फ्लो का तीन दिवसीय अंतरराज्यीय सम्मेलन प्रारंभ  
 फिक्की फ्लो लखनऊ द्वारा तीन दिवसीय अंतरराज्यीय सम्मेलन का शुभारंभ सुप्रसिद्ध लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी और फिक्की फ्लो की राष्ट्रीय अधयक्ष हरविंदर कौर ने किया। उन्होंने कहा कि मुगलकाल में शहर में प्रमुख बाजारों की एक गली को लेकर वहां मीना बाजार लगाया जाता था। इसी बात को ध्यान में रख कर फिक्की फ्लो ने आज होटल हयात में मीना बाजार नामक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर की अध्यक्षा माधुरी हलवासिया ने कहा कि इस बाजार में साडी, सूट, लहंगा, सरारा, गेरूआ, दुपट्टा और स्टोल के स्टाल विशेष रूप से आगन्तुको को आकर्षित कर रहे थे। इस सभी स्टालो में उत्तर प्रदेश की सभी प्रकार की हस्तकला जैसे मुकेश से लेकर चिकनकारी तक, बनारसी साडियो से लेकर जरदोजी, टिल्ला और पिट्टा का काम विशेष रूप से इस प्रदर्शनी में देखने को मिला इसके अलावा बाजार में नाजुक चप्पल और जूती, पोटली और अन्य आकर्षक घरेलू उत्पाद उत्तर प्रदेश के स्थानीय कारीगरों की कला को भी प्रदर्शित कर रहे थे। इस दिन को यादगार बनाने के लिए देवा शरीफ से आये कव्वालों ने अपने सूफी संगीत और कव्वालियों से श्रोताओं का मन मोह लिया। इस मीना बाजार में अवध के अल्पज्ञात दुर्लभ आभूषणों का भी प्रदर्शन किया गया।