भगवान नरसिंह की नगरी नसीरपुर में मंशापूर्ण हनुमान मंदिर प्रांगण में चल रहा है रामलीला का मंचन


गुना/नसीरपुर 
 दिन प्रतिदिन नई-नई झलकियां
गुना जिले की मधुसूदनगढ़ तहसील के अंतर्गत गांव नसीरपुर की रामलीला मंचन का प्रसिद्धि का कारण भी इतना ही नहीं साथ ही 70 से 70 के दशक से चली आ रही इस रामलीला मंचन में स्थानीय बाल कलाकारों द्वारा अपनी रामायण के पात्रों में सक्रियता रहती है तो आसपास क्षेत्रों से भी पधारने वाले कलाकारों को भी यहां अपनी प्रतिभा का बखान करने का अवसर भी दिया जाता है ऐसे ही पिछले दृश्य में हमने नसीरपुर रामलीला मंडल समिति की ग्राउंड रिपोर्ट पर पिछले हफ्ते कार्य किया था तो लक्ष्मण परशुराम संवाद की झलकियां अखबार की खबरों के माध्यम से प्रकाशित की थी वहीं इसी कड़ी में ग्राउंड रिपोर्ट पर काम करते हुए रामलीला मंचन समिति के एक हफ्ता पश्चात अखबार के संवाददाता महेश शर्मा ने गांव में रामलीला समिति के द्वारा मंचन के द्वारा जो दृश्य राम सेतु निर्माण की बात तो वही भगवान श्री राम चंद्र द्वारा रामेश्वरम धाम की स्थापना समुद्र तट पर तो वही रावण और अंगद का संवाद जिसमें कलाकार अंगद के संवाद में अपनी कला का बखान इस तरह कर रहे थे कि आसपास के क्षेत्रों से इस रामलीला मंचन को देखने के लिए दर्शक दूरदराज गांवों से भी पधारे हैं उन्होंने भी संगत के पाठ को आधा करने वाले कलाकार की तारीफ है कि तो वही राम का पाठ अदा करने वाले पुष्पेंद्र यादव ने भी अपने पार्ट में सूझबूझ से पात्र को निभाया रामलीला मंचन में शुरुआती क्रम गणेश वंदना में पंडित पवन शर्मा द्वारा गणेश जी की आरती कर सभी साथियों सहित पंडित श्री शांतिलाल शर्मा बरखेड़ी निवासी हारमोनियम वादन के साथ गणेश वंदना कर आरती हनुमान जी की रामायण जी की करने के पश्चात कवि कामता प्रसाद शर्मा ने अपनी श्री मुख से रामचरितमानस के रामलीला मंचन की चौपाइयों और दोहों का अर्थ प्रस्तुत कर जगदीश शर्मा द्वारा एंजेल क्यों पर विशेष साज-सज्जा में योगदान प्रदान कर बड़े ही हर्षोल्लास से पाठक वादा किया जिस तरह से रामलीला मंचन में झा राम की भूमिका होती है वही उसी प्रकार रावण का विरोधी बताते हुए एक दूसरे को सम्मुख खड़े हुए जैसी स्थिति आने को अगले पात्र में होगी वही राम और रावण का महायुद्ध अगली कड़ी में देखने को मिलेगा रावण का पात्र करने वाले नसीरपुर गांव के निवासी पंडित ओम प्रकाश शर्मा द्वारा बड़े ही सूझबूझ से अपने डायलॉग को बोलने में महर्ता हासिल हुई वही हारमोनियम और मंजीरे के साथ-साथ ढोलक पर पप्पू मीणा पप्पू शर्मा दोनों ने अपने हाथों से ढोलक को बजाकर ऐसे समा बांधा कि पूरा म्यूजिक ही हाल मैं बजने लगा हो देसी संगीत मां सरस्वती विराजमान होती है इस संगीत में ढोलक और हारमोनियम साथ मंजीरे की झंकार दर्शकों का मन मोह लेती है इस कहानी को पिछले कई वर्षों से दोहराते हुए इस गांव के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी इस रामलीला मंचन समिति को आमंत्रण निमंत्रण प्रधान होते रहते हैं जिनके अवसर पर यह रामलीला मंडल समिति नसीरपुर कई क्षेत्रों में प्रसिद्धि का कारण बनी है हालांकि यहां पूर्व में जब से रामलीला मंचन होने लगा है तब से अभी तक के कलाकार कोई नौकरियों में है तो कोई व्यापारिक केंद्रों से जुड़े हैं वर्तमान में कलाकार नए ऊर्जावान और नवयुवक पीढ़ी को उभारा  जा रहा है जिससे यह रामलीला पुनः पुराने स्वरूप में और अच्छे पात्रों को आधा करने वाले कलाकार तैयार कर सके इस तरह से हरि सिंह मीणा कुंभकरण का पाठ करने में प्रसिद्धि का कारण बने हुए हैं तो वहीं लक्ष्मी नारायण साहू कार्टूनिस्ट के साथ-साथ ड्रामेबाज के रोल बड़े ही बखूबी से निभाते हुए बच्चों को हंसाने का कार्य करते हैं और मनोरंजन का कारण भी वही कुछ नृत्य करके भी पुरस्कार के रूप में ऐसे भी प्रधान होते हैं इस तरह से रामलीला मंडल समिति नसीरपुर गांव की चल रही है देखते हैं आगे मंदिर समिति के विकास कार्यों पर चर्चा भी अगली कड़ी में हम करेंगे