शिप्रा में जूते-चप्पल पहनकर नौका विहार
कर रहे लोग, तीर्थ पुरोहितों का विरोध
प्रशासन को लिखकर देंगे, जल्द रोक नहीं लगाई तो आंदोलन
उज्जैन। उज्जैन की शिप्रा नदी में रामघाट पर लोग जूते-चप्पल पहनकर ही नौका विहार कर रहे हैं। यहां निजी ठेकेदार शुल्क लेकर नौका विहार कराया जाता है। इसका घाट के तीर्थ पुरोहितों, पंडे व मंदिरों के पुजारियों ने कड़ा विरोध किया है। इस संबंध में प्रशासन को लिखित में विरोध दर्ज भी कराया जाएगा।
तीर्थ पुरोहितों का यह भी कहना है प्रशासन ने जल्द ही इस पर निर्णय लेकर रोक नहीं लगाई तो आगामी दिनों में इसे लेकर आंदोलन किया जाएगा जिसकी जवाबदारी प्रशासन की रहेगी। श्री क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष तीर्थ पुरोहित पं. राजेश त्रिवेदी ने कहा कि उज्जैन की शिप्रा को हम पुण्य सलिला कहते हैं। शास्त्रों में मान्यता है कि शिप्रा में स्नान तो दूर इसके किनारे घाट खड़े रहने वालों के भी कई पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में सैक्ड़ों लोग जब रोजाना नदी में नाव में बैठकर नौका विहार करते हैं तो वे अपने जूते-चप्पल पहनकर ही नाव में बैठकर जाते हैं। इससे नदी का अपमान होता है। मंदिरों में भी जूते-चप्पल उतारकर ही दर्शन करने का नियम है तो फिर नदी भी मां समान है। तीर्थ पुरोहित पं. विनोद व्यास सन्नी गुरु, उत्तम दुबे, अखिलेश चौबे, अनिल जोशी, सोनू दुबे, नृसिहं घाट मार्ग स्थित शिप्रा पुत्र हनुमान मंदिर के पुजारी पं. नीलेश गुरु सहित कई पंडे-पुजारियों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए प्रशासन से लोगों के जूते-चप्पल उतरवाकर शिप्रा में नौका विहार कराने की मांग की है।