स्कूल से रोते रोते घर आई मासूम ने खुद को किया बाथरूम में बंद


मनोज शर्मा /संवाददाता गुना -राजगढ़


कल्चरल प्रोग्राम देखने में मगन थे स्कूल के प्रिंसीपल , 1 घण्टे इंतज़ार करने के बाद बेरंग लौटे पालक -----
नरसिंहगढ़ l मामला संत जोसेफ स्कूल का है जहां शनिवार के दिन जब स्कूल में कल्चर प्रोग्राम चल रहा था तभी कक्षा तीसरी की छात्र अंतिमा पिता सुनील साहू भी प्रोग्राम में शामिल थी प्रोग्राम के दौरान बच्ची रोते हुए घर पोहची जब पालक द्वारा स्कूल टीचर को बताया टीचर प्रोग्राम के चलते व्यस्त थे तो उन्होंने  उसे घर पहुंचा दिया  बच्ची रोते रोते घर आई अपना बैग रख और सीधे ही बाथरूम में जाकर बाथरूम को लॉक कर जोर जोर से रोने लगी घरवालों ने बड़ी मुश्किल से दरवाजा खुलवाया और बच्ची के चाचा बच्चे को साथ लेकर जब स्कूल पहुंचे तो 1 घंटे तक स्कूल के बाहर खड़े रहे स्कूल स्टाफ व  प्राचार्य नाच गाने देखने में व्यस्त था तभी बच्ची  के चाचा ने मौके पर मीडिया को बुलाया मीडिया ने भी आधे घंटे तक स्कूल स्टाफ व  प्राचार्य का इंतजार किया जब  स्कूल के अंदर जाकर देखा टीचर सेल्फी लेते दिखी और प्रबंधक नाच गाने देखने में मस्त थे बच्चे के चाचा ने बताया मैं 1 घंटे से गेट के बाहर खड़ा हूं कोई मिलने को तैयार नहीं एक टीचर ने मुझे जवाब दिया सोमवार के दिन आओ पता तो पड़े मेरी बच्ची के साथ ऐसा क्या हुआ जो वह भी तक वह चुप नहीं हो रही है और जोर जोर से रो रही है क्या स्कूल प्रबंधक की कोई जवाबदारी नहीं बनती ऐसे में बच्चे को कुछ हो गया तो इसका जवाबदार कौन होगा
 क्या ऐसे में मोटी फीस लेने वाले स्कूल प्रबंधक की कोई जवाबदारी नहीं बनती
पूर्व में भी स्कूल के खेल मैदान में भरी गर्मी में बच्चे खा रहे थे टिफिन स्कूल स्टाफ का दायित्व बनता है के वहां बच्चों का पूर्ण रुप से ध्यान रखें कुछ महीने पहले ही स्कूल में बच्चों को गिट्टी युक्त मैदान में लंच खाना खाते देखा गया
अभिभावक आ गए थे डिप्रेशन में
बच्चे के दरवाजा बंद कर लेने से  अभिभावक डिप्रेशन में आकर  जब यह परेशानी  स्कूल प्रबंधक को बताने गए तब स्कूल प्रबंधक ने बिल्कुल भी तवज्जो नहीं दिया घंटों तक स्कूल के बाहर खड़े रहे अभिभावक को स्कूल प्रबंधक ने तवज्जो नहीं दिया बच्ची के बाथरूम में रोते हुए  बाथरूम का दरवाजा बंद कर लेने से  अभिभावक डिप्रेशन में है
 क्या ऐसे में मोटी फीस लेने वाले स्कूल प्रबंधक की कोई जवाबदारी नहीं बनती ?


पूर्व में भी बच्चों पर होता रहा सितम
पूर्व में भी स्कूल के खेल मैदान में भरी गर्मी में बच्चे खा रहे थे टिफिन स्कूल स्टाफ का दायित्व बनता है के वहां बच्चों का पूर्ण रुप से ध्यान रखें कुछ महीने पहले ही स्कूल में बच्चों को गिट्टी युक्त मैदान में लंच खाना खाते देखा गया जबकि स्कूल प्रबंधक का दायित्व बनता है की स्कूल प्रबंधक को अभिभावक से मिलना चाहिए आपसी तालमेल बनाना चाहिए लेकिन स्कूल प्रबंधक द्वारा अभिभावक को घंटों बाहर खड़ा रखा और एक भी ना सुनी l