एक सच्चे व्यक्ति की त्रासदी ‘डिप्लोमा इन करप्शन’
हास्य व्यंग्य के नाटक में दिखा समाज का विद्रूप चेहरा-34वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह का हुआ शुभारंभ

उज्जैन। जब वातावरण और व्यवस्था ही नकारात्मक और भ्रष्ट हो तो ऐसे में सृजनात्मक और सकारात्मक कार्य कैसे संभव हैं, ऐसे कार्य करने वाले को सब मूर्ख या सनकी कहते हैं, ऐसे कार्य करने में कदम-कदम पर कठिनाईयां आती है, तरह-तरह के सवाल और नियत पर प्रश्न चिन्ह लगाए जाते हैं। ऐसे में व्यक्ति की इच्छाशक्ति डांवाडोल होने लगती है, वो स्वयं से सवाल करने लगता है कि क्या वो कुछ करने जा रहा था, गलत था। उसमें उसका क्या स्वार्थ था, वो जो कुछ करने जा रहा था उसमें जनहित, समाजहित था, फिर क्यों सब के सब उसके विरूध्द हैं।
डिप्लोमा इन करप्शन में एक ऐसे ही स्कूल मास्टर की कहानी दिखी जो वर्तमान वातावरण से क्षुब्ध है। एक शिक्षक होने के नाते प्रदूषित वातावरण को सुधारना अपना नैतिक उत्तरदायित्व समझता है लेकिन एक छोटी सी गलती सब पर पानी फेर देती है। मास्टरजी को कटघरे में खड़ा कर देती है, जिसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। हास्य व्यंग्य से सराबोर यह नाटक एक सच्चे व्यक्ति की त्रासदी है, जिसके माध्यम से समाज का विद्रूप चेहरा देखने को मिला। अभिनव रंगमंडल प्रमुख शरद शर्मा और प्रबंधक वीरेंद्रसिंह ठाकुर के अनुसार सांस्कृतिक संस्था अभिनव रंगमंडल द्वारा आयोजित 34वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह का शुभारंभ शनिवार को कालिदास अकादमी के संकुल हॉल में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसके पी कुलकर्णी, स्पेशल जज विजयकुमार पांडे, समाजसेवी रमेश साबु द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। संस्कृति विभाग भारत सरकार, संस्कृति संचालनालय मध्यप्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित समारोह में प्रथम दिन सुरेन्द्र चतुर्वेदी द्वारा रचित एवं देश के जाने-माने रंग निर्देशक, लेखक जेपी सिंह के निर्देशन में रंगमंडप नई दिल्ली द्वारा “डिप्लोमा इन करप्शन“ की प्रस्तुति दी गई। 90 मिनट के नाटक में जेपी सिंह, निशा भटनागर, पवन चौहान, अरूण सौदे, पवन चौहान, अरूण सौदे, मोहन यादव ने मंच पर अपने अभिनय का हूनर दिखाया।
आज होगी “रसिक संपादक“ की प्रस्तुति
19 जनवरी को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की स्नातक वीणा शर्मा द्वारा मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित नाटक “रसिक संपादक“ की प्रस्तुति होगी। कहानी का नाट्य अनुवाद भी वीणा शर्मा द्वारा किया गया है, यह नाटक भी 90 मिनट का होगा। इस नाटक को रंग विशारद थियेटर क्लब दिल्ली के कलाकार प्रस्तुत करेंगे। 20 जनवरी को मशहूर फिल्म और धारावाहिक पटकथा लेखक अशोक मिश्रा द्वारा रचित व निर्देशित नाटक “अटके भटके लटके सुर“ की प्रस्तुति अंक मुम्बई द्वारा की जाएगी, इस नाटक की अवधि 10 मिनट के मध्यांतर सहित 2 घंटा है। 21 जनवरी को विख्यात कहानीकार विजय दान देथा की कहानी पर आधारित नाटक “बाबा पाखंडी“ का मंचन किया जाएगा। इस नाटक का लेखन व निर्देशन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्नातक व खैरागढ़ विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में नाट्य विभाग के प्रोफेसर डॉ. योगेन्द्र चौबे ने किया है, 80 मिनट की इस प्रस्तुति को गुड़ी संस्था रायगढ़ के कलाकार प्रस्तुत करेंगे इसी दिन प्रस्तुति के निर्देशक व लेखक डॉ.योगेन्द्र चौबे को 11,000/- की राशि का “अभिनव राष्ट्रीय रंग सम्मान“ प्रदान किया जाएगा। 22 जनवरी को प्रयागराज की संस्था बैकस्टेज द्वारा संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के उप सचिव सुमन कुमार द्वारा रचित नाटक “खारु का खरा किस्सा“ का मंचन होगा। संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त युवा रंग निर्देशक प्रवीण शेखर द्वारा निर्देशित इस नाटक की अवधि 65 मिनट है। 23 जनवरी की समापन संध्या पर मशहूर लेखक स्वदेश दीपक द्वारा रचित व वरिष्ठ रंगकर्मी शरद शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक “कोर्ट मार्शल“ प्रस्तुत किया जाएगा इस नाटक की अवधि 90 मिनट है। अभिनव रंगमंडल उज्जैन द्वारा उक्त नाटक को देश के आधे से ज्यादा राज्यों में प्रस्तुत किया जा चुका है, यह इस नाटक की 107 वीं प्रस्तुति होगी जो दर्शकों की विशेष फरमाइश पर की जा रही है। नाटक निर्धारित समय संध्या 7 बजे कालिदास अकादमी के संकुल हाल में प्रस्तुत किए जाएंगे। शरद शर्मा तथा विरेंद्र सिंह ठाकुर ने उज्जैन के कला प्रेमी दर्शकों से अधिक से अधिक संख्या में आने का अनुरोध किया है।
हास्य व्यंग्य के नाटक में दिखा समाज का विद्रूप चेहरा-34वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह का हुआ शुभारंभ
उज्जैन। जब वातावरण और व्यवस्था ही नकारात्मक और भ्रष्ट हो तो ऐसे में सृजनात्मक और सकारात्मक कार्य कैसे संभव हैं, ऐसे कार्य करने वाले को सब मूर्ख या सनकी कहते हैं, ऐसे कार्य करने में कदम-कदम पर कठिनाईयां आती है, तरह-तरह के सवाल और नियत पर प्रश्न चिन्ह लगाए जाते हैं। ऐसे में व्यक्ति की इच्छाशक्ति डांवाडोल होने लगती है, वो स्वयं से सवाल करने लगता है कि क्या वो कुछ करने जा रहा था, गलत था। उसमें उसका क्या स्वार्थ था, वो जो कुछ करने जा रहा था उसमें जनहित, समाजहित था, फिर क्यों सब के सब उसके विरूध्द हैं।
डिप्लोमा इन करप्शन में एक ऐसे ही स्कूल मास्टर की कहानी दिखी जो वर्तमान वातावरण से क्षुब्ध है। एक शिक्षक होने के नाते प्रदूषित वातावरण को सुधारना अपना नैतिक उत्तरदायित्व समझता है लेकिन एक छोटी सी गलती सब पर पानी फेर देती है। मास्टरजी को कटघरे में खड़ा कर देती है, जिसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। हास्य व्यंग्य से सराबोर यह नाटक एक सच्चे व्यक्ति की त्रासदी है, जिसके माध्यम से समाज का विद्रूप चेहरा देखने को मिला। अभिनव रंगमंडल प्रमुख शरद शर्मा और प्रबंधक वीरेंद्रसिंह ठाकुर के अनुसार सांस्कृतिक संस्था अभिनव रंगमंडल द्वारा आयोजित 34वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह का शुभारंभ शनिवार को कालिदास अकादमी के संकुल हॉल में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसके पी कुलकर्णी, स्पेशल जज विजयकुमार पांडे, समाजसेवी रमेश साबु द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। संस्कृति विभाग भारत सरकार, संस्कृति संचालनालय मध्यप्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित समारोह में प्रथम दिन सुरेन्द्र चतुर्वेदी द्वारा रचित एवं देश के जाने-माने रंग निर्देशक, लेखक जेपी सिंह के निर्देशन में रंगमंडप नई दिल्ली द्वारा “डिप्लोमा इन करप्शन“ की प्रस्तुति दी गई। 90 मिनट के नाटक में जेपी सिंह, निशा भटनागर, पवन चौहान, अरूण सौदे, पवन चौहान, अरूण सौदे, मोहन यादव ने मंच पर अपने अभिनय का हूनर दिखाया।
आज होगी “रसिक संपादक“ की प्रस्तुति
19 जनवरी को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की स्नातक वीणा शर्मा द्वारा मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित नाटक “रसिक संपादक“ की प्रस्तुति होगी। कहानी का नाट्य अनुवाद भी वीणा शर्मा द्वारा किया गया है, यह नाटक भी 90 मिनट का होगा। इस नाटक को रंग विशारद थियेटर क्लब दिल्ली के कलाकार प्रस्तुत करेंगे। 20 जनवरी को मशहूर फिल्म और धारावाहिक पटकथा लेखक अशोक मिश्रा द्वारा रचित व निर्देशित नाटक “अटके भटके लटके सुर“ की प्रस्तुति अंक मुम्बई द्वारा की जाएगी, इस नाटक की अवधि 10 मिनट के मध्यांतर सहित 2 घंटा है। 21 जनवरी को विख्यात कहानीकार विजय दान देथा की कहानी पर आधारित नाटक “बाबा पाखंडी“ का मंचन किया जाएगा। इस नाटक का लेखन व निर्देशन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्नातक व खैरागढ़ विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में नाट्य विभाग के प्रोफेसर डॉ. योगेन्द्र चौबे ने किया है, 80 मिनट की इस प्रस्तुति को गुड़ी संस्था रायगढ़ के कलाकार प्रस्तुत करेंगे इसी दिन प्रस्तुति के निर्देशक व लेखक डॉ.योगेन्द्र चौबे को 11,000/- की राशि का “अभिनव राष्ट्रीय रंग सम्मान“ प्रदान किया जाएगा। 22 जनवरी को प्रयागराज की संस्था बैकस्टेज द्वारा संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के उप सचिव सुमन कुमार द्वारा रचित नाटक “खारु का खरा किस्सा“ का मंचन होगा। संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त युवा रंग निर्देशक प्रवीण शेखर द्वारा निर्देशित इस नाटक की अवधि 65 मिनट है। 23 जनवरी की समापन संध्या पर मशहूर लेखक स्वदेश दीपक द्वारा रचित व वरिष्ठ रंगकर्मी शरद शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक “कोर्ट मार्शल“ प्रस्तुत किया जाएगा इस नाटक की अवधि 90 मिनट है। अभिनव रंगमंडल उज्जैन द्वारा उक्त नाटक को देश के आधे से ज्यादा राज्यों में प्रस्तुत किया जा चुका है, यह इस नाटक की 107 वीं प्रस्तुति होगी जो दर्शकों की विशेष फरमाइश पर की जा रही है। नाटक निर्धारित समय संध्या 7 बजे कालिदास अकादमी के संकुल हाल में प्रस्तुत किए जाएंगे। शरद शर्मा तथा विरेंद्र सिंह ठाकुर ने उज्जैन के कला प्रेमी दर्शकों से अधिक से अधिक संख्या में आने का अनुरोध किया है।