आर्डी गार्डी में कोरोना के मरीजों के उपचार में बरत रहे लापरवाही नहीं मिल पा रहा उचित उपचार


एडीएम डाबर को सूचना देने के बावजूद धर्मेन्द्र जोशी को नहीं मिल पाया उपचार- माया त्रिवेदी
उज्जैन। कोरोना महामारी के बीच इसकी चपेट में आने वाले लोगों के इलाज में लापरवाही का आरोप पार्षद माया राजेश त्रिवेदी ने लगाया है। माया त्रिवेदी के अनुसार जिन पॉजीटिव मरीजों को आरडी गार्डी अस्पताल में ले जाया जा रहा है उन्हें डॉक्टर तक देखने नहीं आ रहे जिसके कारण वे अपनी जान गंवाने को मजबूर हैं। 
माया राजेश त्रिवेदी के अनुसार कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ धर्मेन्द्र जोशी की मौत शुक्रवार को हुई जिसका कारण प्रशासन की लापरवाही रही। माया त्रिवेदी ने बताया कि मृत्यु से पूर्व धर्मेन्द्र जोशी से उनकी बात हुई थी जिसमें धर्मेन्द्र जोशी ने फोन पर कहा था कि मुझे अस्पताल से बाहर निकवा दो नहीं तो मैं यहां मर जाउंगां मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही है और मुझे ऑक्सीजन भी नहीं दी जा रही है। दो दिन पूर्व रात 12 बजे धर्मेन्द्र जोशी ने स्वयं ही फोन लगाया था कि उन्हें कोरोना पॉजीटिव आया है, इस पर हमने उन्हें सांत्वना दी थी कि तुम ठीक हो जाओगे, इलाज होगा क्योंकि इसके पहले भी लोग इलाज से ठीक होकर घर आए हैं लेकिन दूसरे ही दिन धर्मेन्द्र ने कहा कि यहां कोई इलाज नहीं किया जा रहा है, कोई डॉक्टर देखने के लिए नहीं आ रहा है। धर्मेन्द्र जोशी के फोन के बाद माया त्रिवेदी द्वारा एडीएम डाबर को इस मामले से अवगत भी कराया। जिसमें उन्होंने डाबर से कहा कि आपके डिपार्टमेंअ का ही कर्मचारी धर्मेन्द्र जोशी को आरर्डी गार्डी लेकर गए हैं, जहां एक भी डॉक्टर उन्हें देखने नहीं आया। माया त्रिवेदी ने कहा कि क्या आर्डी गार्डी में लोगों को मारने के लिए ले जा रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब कोरोना के मरीज के उपचार में लापरवाही की गई। ऐसे ही विगत दिवस रामप्रसाद भार्गव मार्ग की निवासी फरजाना खान पति नासिर खान की मृत्य सीएचएल हॉस्पिटल ले जाते समय सुबह हो गई। लेकिन सीएचएल अस्पताल ने उसकी बॉडी को सुबह से शाम तक सिर्फ यह कहकर रखे रखा कि उनका सैम्पल लेना है। परिजन परेशान होते रहे और फरजाना के शव को लेकर आने में उन्हें पूरा दिन लग गया।