जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की पीठ ने सरकार से उन लोगों को सरकारी राशन की दुकान पर अनाज देने का आदेश दिया जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। पीठ ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत अनाज पाने के लिए आधार को अनिवार्य किए जाने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर यह आदेश दिया।
याचिका में आनाज पाने के लिए आधार को अनिवार्य करने के लिए जारी सर्कुलर को रद्द करने की मांग की गई है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में दिल्ली सरकार को तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही सरकार को निर्देश दिया है कि जन वितरण प्रणाली की दुकान सुबह 9 से दोपहर एक बजे और अपराह्न 3 बजे से शाम 7 बजे तक सातों दिन खोली जाएं। साथ ही, सरकार से उन लोगों को सरकारी राशन की दुकान पर अनाज देने का आदेश दिया है जिनके पास राशन कार्ड नहीं है।
उच्च न्यायालय से सभी एसडीएम को राशन वितरण की निगरानी करने और प्रतिदिन शाम को इसकी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया है। पीठ ने गैर सरकारी संगठन रोजी रोटी अधिकार अभियान की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया।
आधार नहीं होने पर भी अनाज
याचिका में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान आधार नहीं होने के चलते किसी को आनाज से वंचित नहीं रखा जाए। साथ ही कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत संचालित विभिन्न खाद्य योजना एक बड़ी आबादी के लिए जीवन जीने के लिए मुख्य साधन है। याचिका में कहा गया है कि महामारी के दौरान आधार नहीं होने के चलते किसी भी व्यक्ति को आनाज से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।