12वीं की परीक्षा मे कहीं सावधानी तो कहीं लापरवाही का आलम

   -पवन शर्मा की रिपोर्ट-      

 


"परीक्षा के निर्धारित समय के साथ जिम्मेदारियां भी समाप्त" प्रवेश में रखी सावधानी छुट्टी में किया नजरअंदाज

आगर मालवा - जिले में 11503 परीक्षार्थियों के लिए बनाए गए  31 परीक्षा केंद्रों पर वैश्विक महामारी के चलते 12वीं की स्थगित परीक्षाएं 9 जून से प्रारंभ हुई पहले पेपर में कुछ परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सावधानी एवं सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली तो कहीं लापरवाही का आलम रहा ।....

तेज धूप में पेड़ की ठंडी छांव का सहारा लेते सुरक्षा व्यवस्था में तैनात जिम्मेदार मुंह पर लपेटने वाला गमछा सर पर बांध कर बेनकाब होकर आराम फरमाते नजर आए  ! वहीं परीक्षा के बाद समूह में पेपर की समीक्षा करते बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग की हिदायत देने के लिए कोई जिम्मेदार सख्त तेवर में दिखाई नहीं दिया ।


एंट्री में सावधानी एग्जिट में नजरअंदाज...

परीक्षा के 1 घंटे पूर्व पूर्व जहां एक और बच्चों की स्कैनिंग की गई सैनिटाइज किया गया वहीं परीक्षा के बाद सार्वजनिक जल स्त्रोत नल से पानी पीते बच्चे खतरे को आमंत्रण देते नजर आए परीक्षकों की चौकसी में इम्तिहान देते परीक्षार्थी परीक्षा के बाद एक वाहन पर तीन तीन सवार होकर घर जाते  दिखाई दिए । परीक्षा कक्ष से बाहर आते कुछ बच्चे बिना मास्क के भी दिखाई दिए तो कुछ के मास्क जेब में आराम फरमा रहे थे परीक्षार्थियों को न संक्रमण का भय है ना उपस्थित जिम्मेदारों का  और ना ही जिम्मेदारों को इस बात का एहसास है। कई केंद्र जहां 100 से भी कम संख्या में परीक्षार्थी उपस्थित थे वहां भी जिम्मेदारों द्वारा शक्ति से नियमों का पालन नहीं कराया जा सका तो कहीं अधिक संख्या में भी नियमों का बखूबी पालन किया गया आगामी परीक्षाओं में संक्रमण के खतरे को देखते हुए नियमों का सख्ती से पालन कराने एवं  जिम्मेदारों को सावधानी रखते हुए परीक्षाएं आयोजित करवाने की सख्त आवश्यकता है  हालांकि केंद्रों पर मास्क व सैनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था प्रशासन द्वारा कराई गई है। 


परीक्षार्थियों ने कहा....

परीक्षा के बाद विद्यार्थियों की भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाएं मिली  किसी ने कहा कि लाकडाउन में पढ़ाई ना होने के कारण पेपर मैं पसीने छूट गए तो किसी ने बहुत ही अल्प समय में प्रश्न पत्र हल करते हुए प्रश्न पत्र को बहुत आसान बताया । कुछ बच्चों ने कहा कि जनरल प्रमोशन को लेकर बने संशय के चलते हमने परीक्षाओं की तैयारी नहीं की तो कुछ ने पढ़ाई कर समय का सदुपयोग किया ।