गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद एक तरफ चीन से तनाव कम करने को लेकर सैन्य एवं कूटनीतिक स्तर पर वार्ताएं चल रही हैं, वहीं यह नया खुलासा चिंता पैदा करता है। सूत्रों का कहना है कि ये तस्वीरें जून महीने की हैं तथा इसके बाद भारतीय सेना ने भी अपनी उपस्थिति उस इलाके में बढ़ा दी है। बड़े पैमाने पर भारतीय सुरक्षा बलों की वहां मौजूदगी है। समझौते का उल्लंघनसूत्रों के अनुसार डेप्सांग सेक्टर दौलतबेग ओल्डी से पूर्व की दिशा में है तथा लद्दाख का यह उत्तरी इलाका है।
रणनीतिक रूप से यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है। डेप्सांग में भी एलएसी स्पष्ट नहीं है तथा इस जगह को लेकर भारत और चीन के अपने-अपने दावे हैं। यह करीब 20 किलोमीटर का क्षेत्र है। इस इलाके में दोनों देशों की सेनाएं पेट्रोलिंग करती हैं लेकिन पूर्व के समझौतों के तहत किसी को भी स्थाई निर्माण बनाने की अनुमति नहीं है लेकिन चीन ने निर्माण कर समझौते का उल्लंघन किया है। गश्ती दल की राह में भी बाधा पहुंचाई। सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में चीन की तरफ से इस क्षेत्र में भारतीय गश्ती दल की राह में भी बाधा पहुंचाई गई।